Saturday, August 25, 2012

शिक्षा पर भारी व्यवसाय !

आज़ादी के बाद भारत देश विकास की नयी राह पर चल पड़ा। लेकिन इस विकास पथ पर सबसे बड़ा रोड़ा साबित हुआ शिक्षा का अभाव। उस समय के सर्वेक्षण से पता चला कि उच्च और बेहतर शिक्षा (जैसे की इंजीनियरिंग और मेडिकल) की तरफ मात्र 5 प्रतिशत लोग ही जागरूक थे। यह लोग अमीर थे। उस समय के बुद्धिजीवियों ने पढ़ाई के प्रति अचेत लोगों का कारण पता लगाया। जिसमे सामने आया की जागरूकता और धन का अभाव बहुत बड़ा कारण बना हुआ था। 5 प्रतिशत लोगों को छोड़कर बाकी पढ़ाई को निरर्थक समझते थे और अपने बच्चों को पढ़ना छोड़, खेती में लगाये रखना अहम समझते थे क्यूंकि इससे उनकी कमाई होती थी। 1954 में एम.आई.टी का प्रेरणाश्रोत आई.आई.टी खोला गया। उस समय एक ही सेंटर था जिसमे न के बराबर बच्चे पड़ने आया करते थे। मगर आज स्थति विपरीत है। जगह-जगह आई.आई.टी और मेडिकल के कोचिंग सेंटर खुल गए हैं जो सिर्फ धन कमाने में विश्वास रखते हैं न की बेहतर शिक्षा देने में। बच्चों का इन कोचिंग सेंटर में दाखिला तो आसन है मगर वहां अच्छी पढ़ाई होगी यह शायद ही संभव है।

भारत को हमेशा से प्रेरणा ब्रिटेन से मिली है चूँकि ब्रिटेन की तालीम और व्यवस्था आज भी यहाँ के लोगों की रगों में दौड़ती है। इस युग का भुक्तभोगी ब्रिटेन पहले से रह चुका है और यह बड़े रूप में असफल रहा था।

भारत में इस युग का अन्धानुकरण हो रहा है। यह चिंताजनक है।

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