Monday, November 9, 2009

अपनी मात्रभाषा को बचाने का एक प्रयास !

अपनी मातृभाषा या मैं कहूँ हमारी देश की राजभाषा दिन पर दिन सीमित होती जा रही है । हम लोग अपने संसकृति को ज्यादा महत्व देने के बजाये पश्चमी संस्कृति के तरफ़ झुक रहे हैं ।

अभी तक यह मुद्दा अपने देश में ज्यादा गंभीरता से नही देखा जा रहा है । लेकिन यह हिंदुस्तानिओं के समझ में तब आएगा जब इस पर सफलता पाना नामुमकिन हो जाएगा ।

ऐसा नही है की ये मुद्दा अकेले मेरे अन्दर हिन्दी भाषा के प्रति बचाव पैदा करता है , बल्कि यह बात हर एक हिन्दुस्तानी के अन्दर आती है लेकिन व्यक्ति पता नही क्यूं इस मुद्दे को उठाने में हमेशा कतराता रहता है ।

अपनी यह हिन्दी भाषा विश्व में तीसरा स्थान रखती है, और मुझे इस पर बहुत गर्व है की हमारी हिन्दी भाषा को विदेशी भी बहुत प्यार से सीखते हैं, और हमें अपने लोगों से ही बोलने में शर्म महसूस होती है ।

आज कल के माता -पिता भी अपने बच्चों से अंग्रेजी में बात करते हैं और दूसरो के सामने जताते हैं की वे और उनके बच्चे सब से बड़े ज्ञानी हैं । बल्कि उन्हें नही पता की वो अपनी मातृभाषा को सिमित करने की कितनी बड़ी बेवकूफी कर रहें है, लेकिन उन से ज्यादा तो हिंदुस्तान की जनता बेवकूफ हैं जो उन्हें समझाने के बजाये, उन्हें ज्ञानी समझते हैं ।

मैं यह नही कहता की हमको अंग्रेजी जानना या आधुनिक बनना नही चाहिये, बल्कि मैं यह कहता हूँ की हमें अंग्रेजी जानना जरुरी है पर तब तक, जब तक हम अपनी संस्कृति को ना भूलें और अपनी मातृभाषा को दरकिनार ना करें ।

मैं यह नहीं कह्ता की जिसे अंग्रेजी में कंप्यूटर या मोबाइल चलाना आता है, उसके लिये हिन्दी में चलाना ज़रूरी है, बल्कि मैं यह कहता हूँ की उसे हिन्दी में भीं चलाना और समझाना आना चाहिए ।

हम हिन्दुस्तानी अगर जाने जाते हैं तो सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी भाषा और संस्कृति की वजय से । इसे हमें संभल कर रखना चाहिए और ज़्यादा से ज़्यादा इसका उपयोग करना चाहिए ।

अंत में मैं इतना ही कहना चाहूंगा,

अगर हम अपनी आगे आने वाली जेनरेशन को संस्कृति और भाषा से अलग रखे गे तो हमारे देश के अस्तित्व का क्या होगा ।

मुझे गर्व है की मैं हिन्दुस्तानी हूँ और अपनी हिन्दी भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए कुछ कर रहा हूँ ।
जय हिंद

2 comments:

  1. Mayank jee whatever you are writing in this blog that is very important for our coming generation,But I would like to inform you that whatever you are writing you should also make applicable in your daily routine that's shows your curiosity.

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  2. bahut aacha hai aaj ke jamane me koi to hai ki apni matra bhasa ke bare me soch raha hai varna kisi ko fursat hi kaha hai ki apni matra bhasa ke bare me soche unhe to bas apne aap se hi matlab reh gaya hai.

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